पहला चरण : 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोतर
- हिंदी कहानी के विकास में ‘मील का पत्थर’ कौन-सी कहानी मानी जाती है?
उत्तर: उसने कहा था - ‘उसने कहा था’ कहानी के लेखक हैं?
उत्तर: चंद्रधर शर्मा गुलेरी - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म हुआ था?
उत्तर: 7 जुलाई 1883 - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जन्मस्थान है?
उत्तर: गुलेर (कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश) - चंद्रधर शर्मा गुलेरी की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 12 सितंबर 1922 - ‘उसने कहा था’ कहानी प्रकाशित कब हुई?
उत्तर: 1915 - ‘उसने कहा था’ कहानी का मुख्य पात्र कौन है?
उत्तर: लहना सिंह - लहना सिंह किस रेजिमेंट का सिराइफल थे?
उत्तर: सिख राइफल्स - लहना सिंह का किस पद पर था?
उत्तर: जमादार - कहानी में सूबेदारनी का असली नाम क्या बताया गया है?
उत्तर: लाड़ी होरां - सूबेदारनी का पति कौन था ?
उत्तर: सूबेदार हजारा सिंह - सूबेदारनी का पुत्र का नाम है?
उत्तर: बोधा सिंह - कहानी का शुरुआत कहाँ से होता है?
उत्तर: अमृतसर के चौक बाजार से - बचपन में लहना सिंह लड़की से क्या प्रश्न बार-बार पूछता था?
उत्तर: तेरी कुड़माई हो गई? - “जर्मन लपटन’ को किसने मारा था?
उत्तर: लहना सिंह ने - लहना सिंह का गाँव का नाम क्या है?
उत्तर: माँझे - कहानी में युद्ध का स्थान कहाँ है?
उत्तर: फ्रांस (प्रथम विश्व युद्ध) - सूबेदारनी लहना सिंह से क्या वचन लेती है?
उत्तर: अपने पति और पुत्र के रक्षा करना - लहना सिंह की मृत्यु कैसे होती है?
उत्तर: जर्मन सैनिकों के हमले में गोली लगने से - कहानी के अंत में लहना सिंह की स्मृति में क्या होता है?
उत्तर: सूबेदारनी का पत्र और वचन पूर्ति - ‘उसने कहा था’ कहानी कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर: 5 भागों में - ‘उसने कहा था’ कहानी किस प्रकार की कहानी है?
उत्तर: कर्म-प्रधान - चंद्रधर शर्मा गुलेरी की प्रमुख रचना ‘सुखमय जीवन’ क्या है?
उत्तर: निबंध - सरकार ने सूबेदार को जमीन कहा दिया?
उत्तर: लायाल पुर - कहानी में लपटन साहब कौन था?
उत्तर: जर्मन घुसपैठिया (ऑफिसर के वेश में) - लहना सिंह की मृत्यु किसके गोद में हुआ?
उत्तर: वजीरा सिंह - लहना सिंह का भतीजा कौन था?
उत्तर: किरत सिंह - सूबेदारनी के आँचल पसारने का अर्थ क्या है?
उत्तर: भिक्षा माँगना (रक्षा की प्रार्थना) - कहानी का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: वचन निभाना और प्रेम का बलिदान - बचपन मे लहना सिंह लड़की से क्या प्रश्न बार बार पूछता था?
उत्तर: ” तेरी कुदमाइ हो गयी क्या “
31.चंद्रधर शर्मा गुलेरी किस शताब्दी के लेखक थे?
उत्तर: 20वीं शताब्दी - अमृतसर मे लहना सिंह के कौन रहते थे?
उत्तर: मामा - लहना सिंह किस पद पर था?
उत्तर: जमादार - लड़की की उम्र बचपन में कितनी थी?
उत्तर: 8 वर्ष - कहानी का अंतिम दृश्य क्या है?
उत्तर: लहना सिंह का शहादत - ‘उसने कहा था’ को हिंदी की पहली आधुनिक कहानी क्यों कहा जाता है?
उत्तर: संरचनात्मक एकता और भावनात्मक गहराई के कारण - सूबेदार हजारा सिंह का पद क्या था?
उत्तर: सूबेदार - बोधा सिंह का पद क्या था?
उत्तर: सूबेदार का पुत्र (सिपाही) - कहानी में जर्मनों का हमला कब होता है?
उत्तर: रात के समय खाई में - लहना सिंह के घाव का कारण क्या था?
उत्तर: घोड़े की लात - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का उपनाम क्या था?
उत्तर: गुलेरी - कहानी का प्रकाशन पत्रिका कौन-सी थी?
उत्तर: सरस्वती - ‘कछुआ धर्म’ क्या है?
उत्तर: गुलेरी की रचना (निबंध) - लहना सिंह की अंतिम इच्छा क्या थी?
उत्तर: वचन निभाना - कहानी में ‘सिगड़ी’ का उपयोग किसके लिए है?
उत्तर: जर्मन की पहचान के लिए - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का शिक्षा क्षेत्र क्या था?
उत्तर: संस्कृत और भाषा विज्ञान - कहानी का समय काल क्या है?
उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) - सूबेदारनी लहना सिंह को कैसे पहचानती है?
उत्तर: बचपन के प्रश्न से (‘तेरी कुड़माई हो गई?’) - लहना सिंह का नंबर क्या था?
उत्तर: सिख राइफल्स का जमादार नंबर - कहानी का शीर्षक किस वाक्य से लिया गया है?
उत्तर: सूबेदारनी के वचन से

दूसरा चरण : 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- उसने कहा था’ कहानी का सारांश संक्षेप में लिखें।
उत्तर: यह प्रेम, वचन और बलिदान की कहानी है। बचपन में अमृतसर बाजार में लहना सिंह और सूबेदारनी (लाड़ी होरां) का प्रेम होता है। प्रथम विश्व युद्ध में सूबेदारनी लहना सिंह से अपने पति हजारा सिंह और पुत्र बोधा सिंह की रक्षा का वचन लेती है। लहना सिंह जर्मनों के हमले में वचन निभाते हुए शहीद हो जाता है। - चंद्रधर शर्मा गुलेरी का संक्षिप्त जीवन परिचय दें।
उत्तर: चंद्रधर शर्मा गुलेरी (1883-1922) हिमाचल के गुलेर में जन्मे। वे संस्कृत विद्वान, भाषाविद् और कहानीकार थे। प्रमुख रचनाएँ: ‘उसने कहा था’, ‘सुखमय जीवन’, ‘बुद्धू का काँटा’। उन्होंने मेयो कॉलेज में संस्कृत विभाग का नेतृत्व किया। - लहना सिंह का चरित्र-चित्रण संक्षेप में बताये ।
उत्तर: लहना सिंह कर्तव्यनिष्ठ, साहसी और वचनबद्ध सिपाही है। बचपन का प्रेम उसे सूबेदारनी के प्रति समर्पित बनाता है। वह युद्ध में शत्रु से लड़ते हुए वचन निभाता है और अपना प्राण को त्याग देता है। - सूबेदारनी का चरित्र संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर: सूबेदारनी प्रेममयी, विश्वासपूर्ण और मातृत्वपूर्ण स्त्री है। बचपन में लहना सिंह से प्रेम, विवाह के बाद भी वचन के प्रति निष्ठा रखती है। वह लहना से पति-पुत्र की रक्षा की भीख माँगती है। - कहानी के केंद्रीय भाव की व्याख्या करें।
उत्तर: केंद्रीय भाव वचन की पवित्रता और प्रेम का बलिदान है। बचपन का प्रेम वयस्क जीवन में कर्तव्य बन जाता है, जो लहना सिंह को शहादत तक ले जाता है। - कहानी में युद्ध का वर्णन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: युद्ध पृष्ठभूमि प्रथम विश्व युद्ध की कहानी दिखाता है, जो पात्रों के साहस, भय और वचन की परीक्षा लेता है। यह तीन भागों में वर्णित है। - शीर्षक ‘उसने कहा था’ की उपयुक्तता बताएँ।
उत्तर: शीर्षक सूबेदारनी के वचन को संकेतित करता है, जो कहानी का मूल है। यह वचन लहना सिंह के जीवन का आधार बनता है, अतः पूर्णतः उपयुक्त। - कहानी का समय और स्थान बताएँ।
उत्तर: समय: प्रथम विश्व युद्ध (1914-18), बचपन अमृतसर 1900 के आसपास।
स्थान: अमृतसर (बचपन), फ्रांस की खाई (युद्ध)। - लहना सिंह और सूबेदारनी के बचपन के प्रसंग का महत्व बताएँ।
उत्तर: यह प्रसंग प्रेम का बीज रोपता है, जो बाद में वचन का बड़ा रूप बनता है। इससे पात्रों की भावुकता और निरंतरता उजागर होती है। - कहानी में जर्मनों के हमले का वर्णन संक्षेप में करें।
उत्तर: रात में सत्तर जर्मन खाई में घुसते हैं। लहना सिंह और साथी लड़ते हैं, लेकिन संख्या अधिक होने से लहना घायल हो शहीद हो जाता है। - ‘उसने कहा था’ कहानी की संरचना का वर्णन करें।
उत्तर: कहानी पाँच भागों में विभक्त है: प्रथम-बचपन का प्रेम, द्वितीय-युद्ध प्रारंभ, तृतीय-वचन ग्रहण, चतुर्थ-युद्ध चरम, पंचम-बलिदान। - सूबेदार हजारा सिंह और बोधा सिंह के चरित्र पर प्रकाश डालें।
उत्तर: हजारा सिंह कर्तव्यनिष्ठ सूबेदार हैं, जो युद्ध में साहसी हैं। बोधा सिंह युवा सिपाही है, माता के वचन से सुरक्षित। दोनों लहना के बलिदान के कारण ही जीवित रहते हैं। - कहानी में प्रेम का स्वरूप कैसा है?
उत्तर: प्रेम विवाह रहित, शुद्ध और कर्तव्यपूर्ण है। बचपन का आकर्षण वयस्क जीवन में वचन बन जाता है, जो स्वार्थरहित बलिदान की ओर ले जाता है। - कहानी का सामाजिक संदेश क्या है?
उत्तर: वचन की निष्ठा, प्रेम का त्यागमय स्वरूप और युद्ध में मानवीय संवेदना। यह भारतीय सिपाहियों की देशभक्ति को दर्शाता है। - लपटन साहब के प्रसंग का महत्व समझाएँ।
उत्तर: यह जासूसी का तनावपूर्ण प्रसंग है, जहाँ लहना सिंह सिगड़ी की रोशनी से घुसपैठिया को पहचानता है। इससे साहस और बुद्धिमत्ता उजागर होती है। - कहानी में हास्य का स्थान क्या है?
उत्तर: बचपन के प्रसंग में हल्का हास्य (‘कुड़माई’ प्रश्न) है, जो गंभीर युद्ध के विपरीत भावनात्मक संतुलन बनाता है। - ‘फिरंगी मेम’ प्रसंग से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: युद्ध में मानवता का पक्ष दिखाता है। विदेशी महिला सिपाहियों को फल-दूध देकर सम्मानित करती है, जो शत्रुता से ऊपर उठकर करुणा दर्शाता है। - कहानी का अंतिम भाग क्यों मार्मिक है?
उत्तर: लहना सिंह की स्मृतियों में सूबेदारनी का वचन और पत्र आता है, जो उसके बलिदान को पूर्ता दिखाता है। यह वचन की अमरता दिखाता है। - गुलेरी जी की अन्य रचनाओं से तुलना करें।
उत्तर: ‘उसने कहा था’ भावुकता प्रधान है, जबकि ‘बुद्धू का काँटा’ व्यंग्यपूर्ण। दोनों में मानवीय संवेदना है, लेकिन यह अधिक संरचनात्मक है।

तिसरा चरण : दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
- उसने कहा था’ कहानी के आधार पर लहना सिंह का विस्तृत चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर: लहना सिंह कहानी का नायक है – साहसी, प्रेमी और वचन का पक्का। बचपन में सूबेदारनी को बचाने वाला बालक वयस्क होकर युद्ध में शत्रु से लड़ता है। उसकी प्रेमिका का वचन उसके लिए धर्म बन जाता है। वह जर्मनों के हमले में घायल होकर भी लड़ता है और प्राण देकर अपना वचन निभाता है। उसका चरित्र भारतीय सिपाही की आदर्श छवि प्रस्तुत करता है। - सूबेदारनी के चरित्र की विवेचना करें।
उत्तर: सूबेदारनी कहानी की भावनात्मक धुरी है। बचपन का प्रेम, विवाह के बाद भी अटूट रहता है। वह लहना से आँचल फैलाकर भिक्षा माँगती है, जो मातृत्व और प्रेम का संगम है। उसका चरित्र स्त्री की त्यागमयी शक्ति दिखाता है। केवल दो बार उपस्थित होकर भी प्रभावशाली। - कहानी की कला और शिल्प पर प्रकाश डालें।
उत्तर: गुलेरी ने फ्लैशबैक, संवाद और चित्रण से शिल्प रचा। पाँच भागों की संरचना तनावपूर्ण है। भाषा सरल, भाव गहन। युद्ध वर्णन जीवंत, जो पाठक को बाँधे रखता। यह हिंदी की पहली संपूर्ण कहानी मानी जाती है। - ‘उसने कहा था’ में प्रेम और कर्तव्य का संबंध स्पष्ट करें।
उत्तर: प्रेम कर्तव्य का स्रोत है। बचपन का प्रेम वचन बनता है, लहना का बलिदान प्रेम की पराकाष्ठा है, जो स्वार्थी नहीं बल्कि त्यागपूर्ण है। - कहानी के माध्यम से प्रथम विश्व युद्ध का चित्रण कैसे हुआ है?
उत्तर: युद्ध की भयावहता – खाई, हमला, घायल सिपाही – वर्णित है। भारतीय सिपाहियों की वीरता और मानवीय पीड़ा दिखाई गई। यह ब्रिटिश सेना में भारतीयों की भूमिका को उजागर करता है। - शीर्षक, कथानक और पात्रों की एकता पर चर्चा करें।
उत्तर: शीर्षक वचन पर केंद्रित, कथानक बचपन से शहादत तक। पात्र (लहना, सूबेदारनी) वचन से जुड़े। यह एकता भावनात्मक प्रवाह बनाती है। - गुलेरी की दृष्टि से हिंदी कहानी का विकास कैसे हुआ?
उत्तर: ‘उसने कहा था’ ने कहानी को भाव-केंद्रित बनाया। पहले भावुकता प्रधान थी, गुलेरी ने संरचना जोड़ी। यह मील का पत्थर है, जो बाद की कहानियों को प्रभावित की। - कहानी में स्त्री-चरित्रों की भूमिका मूल्यांकन करें।
उत्तर: सूबेदारनी और फिरंगी मेम करुणा और शक्ति का प्रतीक हैं। सूबेदारनी वचन देती है, मेम सहायता। वे पुरुष-प्रधान युद्ध में स्त्री संवेदना जोड़ती हैं। - ‘उसने कहा था’ की प्रासंगिकता आज के संदर्भ में बताएँ।
उत्तर: आज के तनावपूर्ण जीवन में वचन निष्ठा और प्रेम का संदेश असंभव है। सोशल मीडिया युग में सच्चे रिश्तों की याद दिलाती। पर्यावरण/शांति आंदोलनों में बलिदान का प्रेरणा का स्रोत है। - कहानी की भाषा-शैली का विश्लेषण करें।
उत्तर: भाषा सरल पंजाबी-हिंदी मिश्रित, संवाद बोलचाल के। वर्णन काव्यात्मक (जैसे ‘आँचल पसारना’)। शैली संक्षिप्त, जो भावों को गहरा बनाती। गुलेरी की विद्वता से शब्द चयन उत्कृष्ट है।