Class 12th Biology Chapter 2 ( पुष्पी पादपो मे लैंगिंग जनन ) Complete Revision And Important Points In Hindi

पहला चरण: 50 Objectives With Answers

कौन कायिक प्रवर्धक नहीं होता है?
उत्तर: चल बीजाणु

  1. कौन-सा फल कूट फल है?
    उत्तर: सेब
  2. भ्रूणपोष का क्या कार्य होता है?
    उत्तर: भ्रूण को पोषण देना
  3. किस पौधे के प्रजातियों में बीज का उत्पादन असंगजनन द्वारा होता है?
    उत्तर: एस्ट्रेर्सिया एवं घास
  4. भ्रूणपोष क्या है?
    उत्तर: त्रिगुणित
  5. द्विबीजपत्री पौधों के सामान्य भ्रूणकोश में केन्द्रकों की कैसी व्यवस्था होती है?
    उत्तर: 2 + 3 + 3
  6. बीज चोल का निर्माण होता है?
    उत्तर: पेरीकॉर्प से
  7. किस पादप में बीज तो बनता है लेकिन पुष्प नहीं?
    उत्तर: चीड़
  8. भूमि-फलनी फल क्या है?
    उत्तर: मूंगफली
  9. वायु परागण सामान्यतया कहा पाया जाता है?
    उत्तर: घासों में
  10. जल द्वारा परागण किसमे होता है?
    उत्तर: जलकुम्भी
  11. भ्रूणकाश की सेंट्रल कोशिका है?
    उत्तर: द्वितीयक केंद्रक
  12. कौन एकलिंगी है?
    उत्तर: पपीता
  13. किस फल का बीजचोल खाया जाता है?
    उत्तर: लीची
  14. परागकण मुख्यतः है?
    उत्तर: नर-युग्मक
  15. परागभित्ति कहा होती है?
    उत्तर: द्वि-स्तरीय
  16. परागकण हो सकते हैं?
    उत्तर: एलर्जी के कारक
  17. वायु परागित पुण सामान्यतः होते हैं?
    उत्तर: छोटे
  18. एनिमोफिली नामक परागण किसके द्वारा होता है?
    उत्तर: हवा
  19. इंटोमोफिली नामक परागण किसके द्वारा होता है?
    उत्तर: कीड़ा
  20. प्रत्येक पादक कोशिका से पूर्ण पौधा बन सकता है। इस गुण को कहते है?
    उत्तर: टोटीपोटेन्सी ( Toteepotency)
  21. प्रोटोप्लास्ट कल्चर का फ्यूजोजेन क्या है?
    उत्तर: PEG
  22. कमल में परागण होता है कहाँ?
    उत्तर: जल द्वारा
  23. पराग से अगुणित पौधे का विकास कहलाता है?
    उत्तर: एण्ड्रोजेनेसिस
  24. पुष्प बंद रहते हैं?
    उत्तर: क्लिस्टोगेमी
  25. आवृतबीजी में कौन-सी संरचना नहीं मिलती है?
    उत्तर: आर्कीगोनियम
  26. सामान्य आवृत्तबीजी भ्रूणकोष होता है?
    उत्तर: सात कोशिकीय
  27. बीजाण्ड के वृत्त को क्या कहते हैं?
    उत्तर: फ्यूनिकल
  28. सामान्यतः एक परिपक्व निषेचित बीजाण्ड में n, 2n तथा 3n स्थिति मिलता है, क्रमश?
    उत्तर: अण्ड, बीजाण्डकाय तथा भ्रूणपोष में
  29. निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड परिवर्तित होता है?
    उत्तर: बीज में
  30. अनिषेकजनन सामान्यतः मिलता है?
    उत्तर: अंगूर में
  31. आर्थोट्रोपस वीजाण्ड में बीजाण्ड द्वार तथा निभाग होते हैं?
    उत्तर: बीजाण्ड वृत्त से सीधी रेखा में
  32. बीजाण्ड में अर्धसूत्री विभाजन कहाँ होता है?
    उत्तर: गुरुबीजाणु मातृ कोशिका में
  33. टोटीपोटेन्सी है?
    उत्तर: माध्यम में कोशिका से जीव का विकास करना
  34. किसने सिद्ध किया कि कोशिका टोटीपोटेन्ट होती है?
    उत्तर: Stiward ने
  35. एक प्रारूपिक आवृत्तबीजी भ्रूण कोष प्रायः है?
    उत्तर: सात कोशिकीय
  36. भारतीय आवृतबीज भ्रूण विज्ञान के जनक हैं?
    उत्तर: पी. माहेश्वरी
  37. पोलीएम्बियोनी पायी जाती है?
    उत्तर: सिट्रस में
  38. एक बीजपत्र में पेबंद लगाना अधिकांशतः असम्भव है क्योंकि इनमें किसका अभाव होता है?
    उत्तर: कैम्बियम का
  39. अनावृत्तबीजियों में द्वि-निषेचन की खोज किसने किया थी?
    उत्तर: नवाश्चीन ने
  40. 100 परागकण बनने के लिए कितने सूत्री विभाजन की आवश्यकता होगी?
    उत्तर: 25
  41. घोंघे द्वारा परागण क्या कहलाता है?
    उत्तर: मेलेकोफिली
  42. निषेचन की खोज करने वाला कौन है?
    उत्तर: स्ट्रासबर्गर ने
  43. जब एक भ्रूणकोष में भ्रूण की संख्या एक से अधिक होती है तब उस स्थिति को कहते हैं?
    उत्तर: पोलोएम्ब्रियोनी
  44. पराग नलिका का बीजाण्डद्वार से बीजाण्डकाय में प्रवेश कहलाता है?
    उत्तर: पोरोगेमी
  45. अलग-अलग समय पर नर तथा मादा जननांगों की परिपक्वता कहलाता है?
    उत्तर: डाइकोगेमी
  46. पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन में निम्नलिखित में से कौन-सा अंग भाग लेते हैं?
    उत्तर: फूल
  47. एक प्रारूपी पुष्प में प्रायः कितने प्रकार के पुष्प पत्र होते हैं?
    उत्तर: चार
  48. पुष्प कृषि को क्या कहते हैं?
    उत्तर: फ्लोरीकल्चर
  49. पुष्प के नर जनन संरचना को क्या कहते हैं?
    उत्तर: पुमंग
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दूसरा चरण: 30 Short Type Question & Answers

  1. एक आवृतबीजी पुष्प के उन अंगों के नाम बताएँ, जहाँ नर एवं मादा युग्मकोभिद् का विकास होता है?
    उत्तर: नर युग्मकोभिद् का विकास पुंकेसर के परागकोश में तथा मादा युग्मकोभिद् का विकास अण्डाशय के बीजाण्ड में होता है।
  2. लघुबीजाणुधानी तथा गुरुबीजाणुधानी के बीच अन्तर को बताये?
    उत्तर: लघुबीजाणुधानी परागकण बनाती है तथा गुरुबीजाणुधानी भ्रूणकोष बनाती है। दोनों में अर्द्धसूत्री विभाजन होता है।
  3. निम्नलिखित शब्दावलियों को सही विकासीय क्रम में व्यवस्थित करें-(परागकण, बीजाणुजन ऊतक, लघुबीजाणु चतुष्क, परागमातृ कोशिका, नर युग्मक।)
    उत्तर: बीजाणुजन ऊतक → परागमातृ कोशिका → लघुबीजाणु चतुष्क → परागकण → नर युग्मक।
  4. एक प्रारूपी आवृतबीजी बीजाण्ड के भागों का विवरण स्पष्ट करे?
    उत्तर: बीजाण्ड में बाह्य एवं अन्तः अध्यावरण, बीजाण्डकाय, भ्रूणकोष, अण्ड उपकरण, प्रतिध्रुवीय कोशिकाएँ, द्वितीयक केन्द्रक।
  5. आप मादा युग्मकोभिद् के एकबीजाणुज विकास से क्या समझते हैं?
    उत्तर: एक गुरुबीजाणु से भ्रूणकोष का विकास एकबीजाणुज विकास कहलाता है, जिसमें तीन गुरुबीजाणु नष्ट हो जाते हैं।
  6. परिपक्व मादा युग्मकोदभिद के 7-कोशिकीय, 8-न्यूक्लिएट प्रकृति की को समझाए, —
    उत्तर: 7 कोशिकाएँ: [अण्ड उपकरण (3), केन्द्रीय कोशिका (1), प्रतिध्रुवीय (3); ]
    8 केन्द्रक: [ सहायक (2), अण्ड (1), ध्रुवीय (2), एन्टीपोडल (3)। ]
  7. उन्मील परागणी पुष्पों से आप क्या समझते है?
    उत्तर: वे पुष्प जिनमें परागकोश एवं वर्तिकाग्र अनावृत होते हैं, उन्मील परागणी पुष्प कहलाते हैं।
  8. क्या अनुन्मीलिय पुष्पों में पर-परागण सम्पन्न होता है?
    उत्तर: नहीं, अनुन्मीलिय पुष्पों में स्व-परागण ही होता है क्योंकि परागकोश एवं वर्तिकाग्र पास-पास होते हैं।
  9. पुष्पों द्वारा स्व-परागण को रोकने के लिए विकसित की गयी दो कार्यनीतियों का विवरण हैं —
    उत्तर: (i) स्व-बन्ध्यता: परागकण उसी वर्तिकाग्र पर अंकुरित नहीं होते। (ii) भिन्न काल पक्वता: नर-मादा अंग अलग समय पर पकते हैं।
  10. स्व-अयोग्यता से आप क्या समझते है?
    उत्तर: स्व-अयोग्यता में स्व-परागण नहीं होता, केवल पर-परागण होता है। यह विषमरूपी या समकारी प्रकार की होती है।
  11. स्व-अयोग्यता वाली प्रजातियों में स्व-परागण प्रक्रिया बीज की रचना तक क्यों नहीं पहुँच पाती , बताये?
    उत्तर: विरोधी-S एलील्स या विषमरूपता के कारण परागनलिका की वृद्धि रुक जाती है।
  12. बैगिंग तकनीक क्या है?
    उत्तर: विपुंसित पुष्पों को थैली से ढकना, ताकि अवांछित परागण न हो।
  13. पादप प्रजनक कब और क्यों विपुंसन का प्रयोग करता है?
    उत्तर: द्विलिंगी पुष्पों में कली अवस्था में परागकोश हटाने के लिए, उन्नत नस्ल बनाने हेतु।
  14. यदि कोई व्यक्ति वृद्धि कारकों का प्रयोग करते हुए अनिषेकजनन को प्रेरित करता है तो आप प्रेरित, अनिषेकजनन के लिए कौन-सा फल को चुनेंगे और क्यों?
    उत्तर: केला, क्योंकि यह बीजरहित फल होता है।
  15. परागकण भित्ति रचना में टेपीटम की भूमिका की व्याख्या कीजिए?
    उत्तर: टेपीटम विकासशील परागकणों को पोषण प्रदान करती है।
  16. असंगजनन क्या होता है?
    उत्तर: युग्मकों के बिना नये पौधे का निर्माण, जैसे अपोमिक्सिस।
  17. असंगजनन का क्या महत्त्व है?
    उत्तर: लाभदायक गुणों को अनिश्चित समय तक सुरक्षित रखता है।
  18. कौनसा स्त्रीकेसर का भाग क्या है?
    उत्तर: वर्तिकाग्र
  19. चतुष्क की कोशिकाओं की गुणिता क्या होगी?
    उत्तर: अगुणित
  20. नर युग्मक तथा द्वितीयक केन्द्रक के संलयन से क्या बनता है?
    उत्तर: प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक
  21. बीजाण्डद्वार से परागनलिका का प्रवेश क्या कहलाता है?
    उत्तर: पोरोगेमी
  22. एन्जियोस्पर्म के सम्बंध में क्रम को सही करे?
    उत्तर: परागण, निषेचन, बीजनिर्माण, अंकुरण
  23. यदि आवृतबीजी की पत्तियों में 46 गुणसूत्र हो तो भ्रूणपोष मे कितने गुणसूत्र होंगे?
    उत्तर: 69
  24. एकलिंगाश्रयी पुष्पी निम्नलिखित में किन दो को रोकते हैं?
    उत्तर: (1) स्वयुग्मन और (2) सजातपुष्पी परागण
  25. त्रिगुणित प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक, किसका अभिलाक्षणिक गुण है?
    उत्तर: आवृत्तबीजी
  26. पाइनस ( Pynus) के भ्रूणपोष कोशिका में 30 गुणसूत्र होते है, तो पाइनस के चालनी कोशिका में कितने गुणसूत्र होते है?
    उत्तर: 60
  27. परागकणों में विशेषकर कौन-सा विटामिन होता है?
    उत्तर: विटामिन B
  28. सूर्यमुखी वंश के पौधों के परागकण अपनी जीवन-क्षमता कितने घंटे के बाद खो देती है?
    उत्तर: 3 घंटे
  29. समकालपक्वता निम्न में से किसमें होता है?
    उत्तर: गुलाबाँस
  30. हारकोगैमस पुष्प निम्न में से कौन है?
    उत्तर: मदार
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तिसरा चरण : 20 Long Type Question & Answers

  1. लघुबीजाणुजन्न को समझाए।
    उत्तर: परागपुट में उपस्थित बीजाणुजनक कोशिकायें एक-दूसरे से अलग होकर गोल होती है। इनमें से कई कोशिकायें टूट-फूट जाती हैं तथा इनका जीवद्रव्य शेष वृद्धिशील कोशिकाओं के पोषण काम आ जाता है। अन्यथा, इन कोशिकाओं का पोषण टैपीटम की कोशिकाओं के द्वारा होता है। इन कोशिकाओं को, अब, लघुबीजाणु मातृ कोशिकायें कहते हैं।
  2. लघुबीजाणुप्रण की संरचना का वर्णन करे।
    उत्तर: आवृतबीजी पौधों के पुष्पों में नर जनन अंग पुमंग होता है जिसके एक या एक से अधिक अवयव पुंकेसर होते हैं। सामान्यतः एक पुंकेसर में दो प्रमुख भाग होते हैं-परागकोश तथा पुंतन्तु। एक पुंकेसर का परागकोश प्रायः दो पालियों का बना होता है। दोनों पराग पालियाँ या परागकोशक आपस में तथा पुंतन्तु के साथ योजि नामक ऊतक से जुड़ी रहती हैं।
  3. स्वपरागण क्या होता है? इसके क्या क्या लाभ है?
    उत्तर: स्वपरागण क्रिया में एक पुष्प के परागकण जो परागकोश से निकलते हैं, उसी पुष्प के जायांग पर उपस्थित वर्तिकाग्र पर पहुँच जाते हैं। लाभ: (i) निश्चित तथा अवश्यम्भावी। (ii) जाति की शुद्धता। (iii) ऊर्जा की बचत। (iv) कर्मको आकर्षण की आवश्यकता नहीं।
  4. परपरागण के लिए पाए जाने वाले अनुकूलन बताए।
    उत्तर: (i) एकलिंगता: स्वपरागण असम्भव। (ii) स्वबन्ध्यता: पराग अंकुरित नहीं होता। (iii) भिन्नकालपक्वता: नर-मादा अलग समय पर पकते हैं। (iv) हरकोगेमी: पराग वर्तिकाग्र पर नहीं पहुँचता। (v) विषमरूपता: वर्तिकाग्र एवं परागकोश अलग तलों पर।
  5. मनुष्य द्वारा कृत्रिम परागण को समझाए।
    उत्तर: विपुंसन द्वारा परागकोश हटाना, थैली से ढकना, इच्छित पराग डालना। हरित क्रान्ति में उपयोगी।
  6. नरयुग्मकोद्भिद की संरचना को पूर्ण रूप से बताये।
    उत्तर: परागकण द्विकेन्द्रीय अवस्था में अंकुरित होकर पराग नलिका बनाता है। जनन केन्द्रक विभाजित होकर दो नर युग्मक बनाते हैं। नलिका वर्तिका से अण्डाशय तक पहुँचती है।
  7. बीजांड क्या है व किस प्रकार की संरचना रखता है? स्पष्ट से बताओ?
    उत्तर: बीजाण्ड गोल संरचना है, दो आवरण (बाइटेगमिक), बीजाण्डकाय, भ्रूणकोष (अण्ड उपकरण, प्रतिध्रुवीय, द्वितीयक केन्द्रक), फ्यूनिकल से जुड़ा।
  8. भ्रूणकोश का परिवर्धन किस प्रकार से सम्पन्न होता है? समझाए।
    उत्तर: गुरुबीजाणु तीन सूत्री विभाजनों से 8 केन्द्रक बनाता है। ध्रुवीय केन्द्रक संयोजित होकर द्वितीयक केन्द्रक, अण्ड उपकरण एवं प्रतिध्रुवीय कोशिकाएँ बनती हैं।
  9. परागकण के अंकुरण की क्रिया को बताए।
    उत्तर: वर्तिकाग्र पर परागकण जल अवशोषित कर नलिका बनाता है, जनन केन्द्रक दो नर युग्मक बनाता है, नलिका अण्डाशय तक पहुँचती है।
  10. द्विनिषेचन की क्रिया क्या होती है व इसके क्या क्या महत्व है?
    उत्तर: एक नर युग्मक अण्ड से संयोजित (निषेचन), दूसरा द्वितीयक केन्द्रक से (त्रिसंलयन)। महत्व: भ्रूण एवं भ्रूणपोष निर्माण।
  11. भ्रूणपोष की ओटकी को समझाए व भ्रूणपोष की उपस्थिति के आधार पर बीजों का वर्गीकरण करे।
    उत्तर: भ्रूणपोष में मण्ड एवं प्रोटीन एकत्रित, एल्यूरोन पर्त। वर्गीकरण: अभ्रूणपोषी (बीजपत्र में भोजन), भ्रूणपोषी (भ्रूणपोष में भोजन)।
  12. एकबीजपत्री बीज की व्याख्या करे?
    उत्तर: दाना (फल-बीज युग्म), भ्रूणपोष (मण्ड), भ्रूण (स्क्यूटेलम, मूलांकुर चोल, प्रांकुर चोल)।
  13. भ्रूणकोश व भ्रूणपोष मे अंतर स्पष्ट करे।
    उत्तर: भ्रूणकोष अगुणित, मादा युग्मकोभिद्; भ्रूणपोष त्रिगुणित, पोषक ऊतक।
  14. अधोभूमिक अंकुरण क्या है उदाहरण सहित समझाए।
    उत्तर: बीजपत्र भूमि में रह जाते हैं, प्रांकुर बाहर निकलता है। उदाहरण: चना, मटर।
  15. फल के निर्माण पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए।
    उत्तर: अण्डाशय से सत्य फल, पुष्पासन से कूट फल। अनिषेकफलन हॉर्मोन्स से।
  16. त्रि-संलयन क्या है? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है?
    उत्तर: द्वितीयक केन्द्रक + नर युग्मक, भ्रूणकोष में, त्रिगुणित भ्रूणपोष केन्द्रक बनता है।
  17. एक निषेचित बीजाण्ड में, युग्मनज प्रसुप्ति के बारे में आप क्या सोचते हैं?
    उत्तर: युग्मनज सुप्तावस्था में, बीजावरण बनता है, भोजन भ्रूणपोष में एकत्रित।
  18. बीजपत्राधार तथा बीजपत्रोपरिक में विभेद करें।
    उत्तर: बीजपत्राधार: मूलांकुर नीचे; बीजपत्रोपरिक: प्रांकुर ऊपर।
  19. प्रांकुर चोल तथा मूलांकुर चोल में विभेद करें।
    उत्तर: प्रांकुर चोल: प्रांकुर को ढकती; मूलांकुर चोल: मूलांकुर को ढकती।
  20. एक सेब को आभासी फल क्यों कहते हैं? पुष्प का कौन-सा भाग फल की रचना करता है?
    उत्तर: यहपुष्पासन से विकसित होता है, इसलिए आभासी। अण्डाशय से सत्य फल।
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चौथा चरण: 30 Important Points

  1. पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन फूल के माध्यम से होता है, जो रूपान्तरित प्ररोह है।
  2. पुष्प के चार चक्र: बाह्यदलपुंज, दलपुंज, पुमंग (नर), जायांग (मादा)।
  3. लघुबीजाणुजनन: परागमातृ कोशिका से चतुष्क, परागकण बनते हैं।
  4. गुरुबीजाणुजनन: गुरुबीजाणु मातृ कोशिका से भ्रूणकोष (7 कोशिकीय, 8 केन्द्रकीय)।
  5. स्व-परागण: उसी पुष्प या पौधे पर, लाभ: शुद्धता, ऊर्जा बचत।
  6. पर-परागण: विभिन्न पौधों पर, अनुकूलन: एकलिंगता, डाइकोगेमी, हरकोगेमी।
  7. वायु-परागण: घासों में, छोटे हल्के परागकण।
  8. जल-परागण: जलकुम्भी, वेलिसनेरिया में।
  9. कीट-परागण: चिपचिपा वर्तिकाग्र, मकरन्द।
  10. परागकण अंकुरण: वर्तिकाग्र पर, नलिका बनाकर नर युग्मक पहुँचाते हैं।
  11. द्विनिषेचन: एक नर युग्मक अण्ड से (भ्रूण), दूसरा द्वितीयक केन्द्रक से (भ्रूणपोष)।
  12. त्रिसंलयन: द्वितीयक केन्द्रक + नर युग्मक, त्रिगुणित भ्रूणपोष।
  13. बीजाण्ड: बाइटेगमिक, फ्यूनिकल से जुड़ा, हायलम पर।
  14. भ्रूणकोष: एकबीजाणुज विकास, अण्ड उपकरण, प्रतिध्रुवीय कोशिकाएँ।
  15. निषेचित बीजाण्ड: बीज बनता है, युग्मनज सुप्त।
  16. भ्रूणपोष: त्रिगुणित, मण्ड संग्रह, एल्यूरोन पर्त।
  17. एकबीजपत्री बीज: स्क्यूटेलम, मूलांकुर चोल, प्रांकुर चोल।
  18. द्विबीजपत्री बीज: दो बीजपत्र, हिलम, माइक्रोपाइल।
  19. अधोभूमिक अंकुरण: चना में, बीजपत्र भूमि में।
  20. एपिभूमिक अंकुरण: सरसों में, बीजपत्र बाहर।
  21. सत्य फल: अण्डाशय से, जैसे मटर।
  22. कूट फल: पुष्पासन से, जैसे सेब।
  23. अनिषेकफलन: बिना निषेचन, हॉर्मोन्स से।
  24. अपोमिक्सिस: असंगजनन, बीजरहित फल।
  25. टोटीपोटेंसी: कोशिका से पूर्ण पौधा।
  26. विपुंसन: कृत्रिम परागण के लिए परागकोश हटाना।
  27. स्व-अयोग्यता: स्व-परागण रोकती है, आनुवंशिक विविधता।
  28. पोलीएम्ब्रियोनी: एक भ्रूणकोष में बहु भ्रूण।
  29. पोरोगेमी: परागनलिका बीजाण्डद्वार से प्रवेश।
  30. परागकण में विटामिन B1, जीवन क्षमता 30 मिनट से 3 दिन।

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