प्रस्तावना :
भारत में अधिकांश विद्यार्थी परीक्षा से 5-6 महीने पहले से पढ़ाई शुरू कर देते हैं। लेकिन कई बार अलग-अलग कारणों से पढ़ाई की शुरुआत देर से हो पाती है। खासकर क्लास 10th और 12th के छात्र जब अक्टूबर में बैठकर यह सोचते हैं कि अब तो बहुत देर हो गई है, तो उनके मन में डर पैदा हो जाता है।
लेकिन सच यह है कि अक्टूबर से फरवरी तक के चार महीने में यदि आप मेहनत करके पढाई करें तो 90% अंक लाना बिल्कुल संभव है।
पढ़ाई की असली ताकत कंसिस्टेंसी + प्लानिंग है, और यही चीज़ को हम इस ब्लॉग के पहले भाग में विस्तार से सीखेंगे।
90% अंक क्यों ज़रूरी हैं?
कई लोग कहते हैं कि सिर्फ पास होना ही काफी है, लेकिन हकीकत यह है कि अच्छे अंक आपके करियर को नई दिशा देते हैं।
- कॉलेज एडमिशन – अच्छे कॉलेजों में दाखिला आसानी से होता है।
- कॉम्पिटिटिव एग्जाम – नींव मजबूत होती है।
- स्कॉलरशिप – 90% से ऊपर अंक आने पर सरकारी और निजी छात्रवृत्ति के अवसर बढ़ जाते हैं।
- आत्मविश्वास – खुद पर विश्वास बढ़ता है।
- सोशल रिस्पेक्ट – परिवार और समाज में सम्मान मिलता है।
समय का महत्व
अक्टूबर से फरवरी तक कुल मिलाकर लगभग 120 दिन हैं। यही 120 दिन आपकी मेहनत का असली इम्तिहान हैं। अगर इसमे मेहनत कर लिए तो आपका भविष्य बदल जायेगा।
- 👉 सोचिए, यदि आप हर दिन 6 घंटे पढ़ते हैं तो 120 × 6 = 720 घंटे
- 👉 और यदि आप 8 घंटे पढ़ते हैं तो 120 × 8 = 960 घंटे
यानी आपके पास हज़ार घंटे तक पढ़ाई का समय है। इतना समय 90% अंक लाने के लिए काफी है – बशर्ते आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें।
अक्टूबर से फरवरी तक का मासिक रोडमैप
अक्टूबर – नींव मजबूत करने का समय
- सिलेबस की पूरी लिस्ट बनाएँ।
- आसान और छोटे अध्याय पहले पूरा करें ताकि आत्मविश्वास आए।
- गणित और विज्ञान के बेसिक फॉर्मूले याद करें।
- रोज़ाना 2–3 विषयों को समय दें।
- छोटे-छोटे नोट्स बनाना शुरू करें।
नवंबर – गहराई से पढ़ाई और कठिन अध्याय
- अब कठिन अध्यायों पर ध्यान दें।
- गणित और विज्ञान में न्यूमेरिकल प्रैक्टिस ज़्यादा करें।
- हर रविवार को अपना साप्ताहिक टेस्ट लें। जो की हमारे वेबसाइट पर Quiz है, उस और Practice करे।
- नवंबर के अंत तक कम से कम 60% सिलेबस खत्म कर लें।
दिसंबर – रिवीजन और मॉडल टेस्ट
- पहला रिवीजन पूरा करें।
- पिछले 5 साल के प्रश्नपत्र हल करें।
- रोज़ाना 1 मॉडल पेपर हल करें।
- कमजोर टॉपिक्स की लिस्ट बनाकर उन पर ज्यादा ध्यान दें।
जनवरी – फाइनल तैयारी
- अब केवल इंपॉर्टेंट और बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों पर ध्यान दें।
- प्रैक्टिस सेट को हल करें।
- रिवीजन की स्पीड तेज करें।
- लिखने की प्रैक्टिस पर फोकस करें ताकि एग्जाम में स्पीड बनी रहे।
डेली टाइम-टेबल (अक्टूबर–जनवरी के लिए) (संभावित इसे अपने हिसाब से Customized करे।)
सुबह 5:30 – 7:30 → गणित/कठिन विषय
नाश्ते के बाद 9 – 12 → विज्ञान (भौतिकी/रसायन/जीवविज्ञान)
दोपहर 1 – 3 → अंग्रेज़ी/हिंदी लेखन अभ्यास
शाम 4 – 6 → सामाजिक विज्ञान
रात 8 – 10 → रिवीजन + नोट्स
कुल = 7–8 घंटे प्रभावी पढ़ाई

Subject के अनुसार स्ट्रेटजी (अक्टूबर–जनवरी तक)
गणित
- हर दिन फार्मूला रिवाइज करें।
- NCERT की Exercise पूरी हल करें।
- पिछले साल के प्रश्नों पर फोकस करें।
- हर रविवार 1 चैप्टर का टेस्ट दें।
विज्ञान
- भौतिकी: कंसेप्ट क्लियर करें + संख्यात्मक सवाल हल करें।
- रसायन विज्ञान: इक्वेशन और रिएक्शन चार्ट पर लिखकर दीवार पर लगाएँ।
- जीवविज्ञान: डायग्राम बनाकर बार-बार प्रैक्टिस करें।
अंग्रेज़ी
- रोज़ 1 Unseen Passage हल करें।
- निबंध और पत्र लेखन की प्रैक्टिस करें।
- ग्रामर के नियम याद करें।
हिंदी
- गद्य और पद्य के प्रश्न उत्तर तैयार करें।
- कठिन शब्दों का अर्थ और सारांश लिखें।
- निबंध और पत्र लेखन का अभ्यास करें।
सामाजिक विज्ञान
- इतिहास: घटनाओं की टाइमलाइन याद करें।
- भूगोल: मैप प्रैक्टिस करें।
- राजनीति विज्ञान: संविधान और प्रमुख बिंदु लिखकर रिवाइज करें।
- अर्थशास्त्र: परिभाषाएँ और ग्राफ प्रैक्टिस करें।
- नोट्स बनाने की कला
- छोटे-छोटे नोट्स बनाएँ।
- हेडिंग और सब-हेडिंग का प्रयोग करें।
- रंगीन पेन से इंपॉर्टेंट पॉइंट हाईलाइट करें।
- चार्ट और डायग्राम बनाकर दीवार पर चिपकाएँ।
रिवीजन स्ट्रेटजी
- हर रविवार को पूरे हफ्ते का रिवीजन करें।
- हर 15 दिन में पूरा सिलेबस झटपट रिवाइज करें।
- 2-3 घंटे का रिवीजन मैराथन रखें।
- मॉडल पेपर और पुराने प्रश्नपत्र का महत्व
- बोर्ड एग्जाम का 60% कंटेंट पुराने साल के प्रश्नपत्रों से मिलता है।
- टाइम मैनेजमेंट की प्रैक्टिस होती है।
- आप पेपर पैटर्न समझ जाते हैं।
मोटिवेशन और मानसिकता (अक्टूबर–जनवरी तक)
- छोटे-छोटे Target बनाएँ। जैसे – 1 हफ्ते में 2 चैप्टर खत्म करना।
- स्ट्रेस आने पर टहलें या मेडिटेशन करें।
- अपने आपको रोज़ याद दिलाएँ – “मैं 90% ला सकता हूँ।”
- तुलना करने के बजाय खुद पर फोकस करें।
- कठिन विषय सुबह पढ़ें।
- फार्मूले और डेफिनिशन A4 शीट पर लिखकर दीवार पर चिपकाएँ।
- पढ़ाई के बीच 5–10 मिनट का ब्रेक लें।
- स्टडी टेबल पर सिर्फ ज़रूरी किताबें रखें।
- सोने से पहले 30 मिनट रिवीजन जरूर करें।

जनवरी में केवल रिवीजन + प्रैक्टिस + आत्मविश्वास ही चाहिए।
जनवरी का स्पेशल टाइमटेबल
सुबह 5:30 – 7:30 → फार्मूला/डेफिनिशन/कंसेप्ट रिवीजन
9 – 12 → मॉडल पेपर हल करें (बोर्ड पैटर्न पर)
1 – 3 → छोटे-छोटे नोट्स देखें
4 – 6 → पिछले साल के प्रश्नपत्र हल करें
8 – 10 → सबसे कठिन टॉपिक का रिवीजन
👉 परीक्षा से 2–3 दिन पहले सिर्फ हल्का रिवीजन + आराम करें।
फरवरी के लिए Subjects का स्ट्रेटजी
गणित
केवल फार्मूले और शॉर्टकट रिवाइज करें।
रोज़ 1 मॉडल पेपर टाइम लिमिट में हल करें।
स्टेप-बाय-स्टेप उत्तर लिखने की आदत डालें।
विज्ञान
डायग्राम और लेबलिंग पर ध्यान दें।
रसायन विज्ञान की इंपॉर्टेंट इक्वेशन 2–3 बार लिखें।
भौतिकी के न्यूमेरिकल बार-बार प्रैक्टिस करें।
अंग्रेज़ी
ग्रामर के नियम रिवाइज करें।
निबंध और पत्र के 2–3 टॉपिक अच्छे से याद रखें।
पिछले साल के पेपर देखें।
हिंदी
महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर लिखकर रिवाइज करें।
लेखन कौशल (निबंध, पत्र, संवाद) हर दिन एक-एक बार प्रैक्टिस करें।
कठिन शब्दों की लिस्ट याद करें।
सामाजिक विज्ञान
इतिहास की घटनाएँ टाइमलाइन के साथ याद करें।
भूगोल के मैप पर अभ्यास करें।
राजनीति विज्ञान की परिभाषाएँ और अनुच्छेद बार-बार पढ़ें।
रिवीजन की विशेष तकनीक (Final Touch)
3 बार रिवीजन फॉर्मूला
पहला रिवीजन → 30 दिन पहले
दूसरा रिवीजन → 15 दिन पहले
तीसरा रिवीजन → परीक्षा से ठीक 2–3 दिन पहले
Quick Revision Sheet बनाएँ
फार्मूले, डेफिनिशन और डायग्राम की शीट तैयार करें।
सिर्फ इन्हीं शीट्स को बार-बार देखें।
Pomodoro Revision अपनाये
25 मिनट पढ़ाई + 5 मिनट ब्रेक
इससे दिमाग फ्रेश रहेगा।
परीक्षा हॉल की तैयारी
परीक्षा से एक दिन पहले
नए टॉपिक बिल्कुल न देखें।
केवल नोट्स और क्विक शीट देखें।
ज्यादा देर तक पढ़ाई न करें।
अच्छी नींद लें।
परीक्षा वाले दिन हल्का नाश्ता करें।
समय से पहले सेंटर पर पहुँचें।
मन को शांत रखने के लिए 2–3 मिनट गहरी साँस लें।
एग्जाम हॉल स्ट्रेटजी : 90% पाने का राज़
पेपर शुरू करने से पहले 5 मिनट पूरा प्रश्नपत्र पढ़ें।
आसान सवाल पहले हल करें।
कठिन सवाल बाद में छोड़ें।
उत्तर साफ-सुथरी हैंडराइटिंग में लिखें।
डायग्राम और चार्ट अनिवार्य रूप से बनाएँ।
हेडिंग और सब-हेडिंग का प्रयोग करें।
उत्तर में कीवर्ड्स को अंडरलाइन करें।
समय प्रबंधन रखें – 3 घंटे का पेपर → 2 घंटे 30 मिनट में पेपर पूरा
30 मिनट में रिवीजन
कोई सवाल खाली न छोड़ें, अपने से बनाकर भी लिखें।
आखिरी 10 मिनट सिर्फ पेपर चेक करने में लगाएँ।

तनाव प्रबंधन
- Meditation – रोज़ 10 मिनट आँख बंद करके बैठें।
- Positive Affirmation – खुद से कहें: “मैं 90% लाऊँगा।”
- Breaks – लगातार 2 घंटे से ज्यादा न पढ़ें।
- Exercise – हल्की दौड़ या योग करें।
- Sleep – 6–7 घंटे की नींद लें।
90% लाने के लिए अंतिम 30 दिन का प्लान
Day 1–10 → सारे विषयों का रिवीजन
Day 11–20 → मॉडल पेपर और पुराने प्रश्नपत्र हल करें
Day 21–25 → कमजोर टॉपिक पर फोकस
Day 26–30 → क्विक रिवीजन + हल्का अभ्यास
सफलता के लिए गुप्त हैक्स
हर दिन सोने से पहले 10 मिनट खुद से बातें करें।
स्टडी रूम में मोटिवेशनल कोट्स लगाएँ।
हर टेस्ट के बाद खुद को छोटा-सा रिवार्ड दें।
एग्जाम हॉल में पहले 5 मिनट आत्मविश्वास बनाने में लगाएँ।
“गलती करना बुरा नहीं, सुधार न करना बुरा है।” इस सोच के साथ आगे बढ़ें।
परीक्षा की तैयारी से जुड़े 10 महत्वपूर्ण FAQs
- अक्टूबर से पढ़ाई शुरू करूँ तो क्या सच में 90% लाना संभव है?
👉 हाँ, बिल्कुल संभव है। अगर आप रोज़ाना 8–10 घंटे पढ़ाई करते हैं, सही टाइमटेबल फॉलो करते हैं और रिवीजन व प्रैक्टिस पर ध्यान देते हैं तो 90% से ज्यादा अंक आ सकते हैं। - क्या मुझे हर सब्जेक्ट पर बराबर समय देना चाहिए?
👉 नहीं। जिस विषय में आप कमजोर हैं, वहाँ ज्यादा समय दें। जो सब्जेक्ट आसान लगते हैं, वहाँ कम समय देकर सिर्फ रिवीजन करते रहें। - क्या केवल NCERT/पाठ्यपुस्तक पढ़ना काफी है?
👉 हाँ, खासकर साइंस और मैथमेटिक्स में NCERT की किताबें ही बेस हैं। इसके अलावा पिछले साल के पेपर और मॉडल पेपर जरूर हल करें। इन्ही मे से exam मे ज्यादा पूछा जाता है, - एक दिन में कितने घंटे पढ़ाई करनी चाहिए?
👉 अक्टूबर से दिसंबर तक कम से कम 8 घंटे, और जनवरी में 10–12 घंटे पढ़ाई करना आदर्श है। - क्या रात में पढ़ाई करना अच्छा है या सुबह?
👉 यह आपकी आदत पर निर्भर करता है। सुबह का समय याद करने के लिए अच्छा है और रात का समय लिखने व प्रैक्टिस के लिए। - क्या मोबाइल और सोशल मीडिया छोड़ना जरूरी है?
👉 हाँ, बिल्कुल। मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई या टेस्ट देने के लिए करें। सोशल मीडिया स्क्रॉल करना टाइम वेस्ट करेगा। - बोर्ड एग्जाम से पहले कितनी बार रिवीजन करना चाहिए?
👉 कम से कम 3 बार रिवीजन करें। पहला दिसंबर में, दूसरा जनवरी में और तीसरा फरवरी में परीक्षा से ठीक पहले। फरवरी मे बहुत सारे स्टेट बोर्ड के exam चालू हो जाते है, तो वह जनवरी मे ही दो बार रिवीजन करे। - क्या गाइड/कोचिंग बुक्स लेना जरूरी है?
👉 जरूरी नहीं। अगर आपके पास समय कम है तो NCERT + सैंपल पेपर ही काफी है। जरूरत पड़ने पर छोटे-छोटे क्वेश्चन बैंक देख सकते हैं। - परीक्षा हॉल में लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें?
👉 सवाल ध्यान से पढ़ें
आसान सवाल पहले हल करें
साफ-सुथरी लिखाई रखें
डायग्राम/फ्लोचार्ट जरूर बनाएं
आखिरी 15 मिनट सिर्फ उत्तर चेक करने के लिए रखें - अगर तैयारी अधूरी रह जाए तो क्या करें?
👉 घबराएँ नहीं। जो टॉपिक अच्छे से आते हैं उन्हें मजबूत बनाइए। आखिरी समय में नए चैप्टर रटने की बजाय पुराने को बार-बार दोहराइए।
निष्कर्ष
अक्टूबर से शुरुआत करके फरवरी की परीक्षा में 90% अंक लाना मुश्किल नहीं है।
जरूरी है –
स्मार्ट वर्क
लगातार रिवीजन
एग्जाम हॉल में आत्मविश्वास
याद रखें –
👉 “पढ़ाई का असली Result तभी मिलता है जब मेहनत और आत्मविश्वास साथ हों।”
आखिर बात :- खूब मन लगाकर पढाई करे, और अपने भविष्य बनाये,।